राष्ट्रिय शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वयन
उत्तराखंड शासन द्वारा निर्देशित एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत नवीन पाठ्यक्रम संरचना एवं न्यूनतम समान पाठ्यक्रमों को वर्तमान सत्र 2022-23 से लागू करने के संबंध में उच्च शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड शासन के शासनादेश संख्या 1196/XXIV - C - 4/2021 - 01 (06) / 2019, दिनांक 08 अक्टूबर 2021 के क्रम में श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के द्वारा सम्बद्ध महाविद्यालयों हेतु शैक्षिक सत्र 2022-23 के लिए स्नातक प्रथम सेमेस्टर मे प्रवेश एवं अन्य विषयगत बिंदुओ के सन्दर्भ में निम्न दिशानिर्देश निर्गत किये गए है ।
2. पाठ्यक्रम :
2.1 स्नातक पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष के लिए 46 संचित क्रेडिट के सापेक्ष तीन प्रमुख/ मेजर विषय (दो कोर एवं एक इलेक्टिव) एक माइनर इलेक्टिव पेपर, दो सह-पाठ्यक्रम एवं दो व्यवसायिक पाठ्यक्रम होंगे, जिसे उत्तीर्ण करने पर Certificate in Faculty प्रदान किया जायेगा ।
2.2 द्वितीय वर्ष में 92 क्रेडिट संचित के सापेक्ष तीन प्रमुख / मेजर विषय (दो कोर एवं एक इलेक्टिव), एक माइनर इलेक्टिवए पेपर दो सह - पाठ्यक्रम तथा दो व्यावसायिक पाठ्यक्रम होंगे, जिसे उत्तीर्ण करने पर Diploma in Faculty प्रदान किया जायेगा |
2.3 तृतीय वर्ष में 132 संचित क्रेडिट के सापेक्ष दो प्रमुख / मेजर विषय (दो कोर) दो सह -पाठ्यक्रम तथा दो माइनर रिसर्च प्रोजेक्ट होंगे, जिसे उत्तीर्ण करने पर Bachelor in Faculty की उपाधि प्रदान की जायेगी |
3. स्नातक प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश हेतु विषय वर्ग/संकाय के लिए पूर्व पात्रता (Pre - requisite)
3.1 विज्ञान वर्ग के विषयों से इंटरमीडिएट करने वाला छात्र स्नातक स्तर पर विज्ञान संकायए कला संकाय, वाणिज्य संकाय तथा कृषि संकाय के अंतर्गत प्रवेश के लिए पात्र होगा।
3.2 कला वर्ग के विषयों से इंटरमीडिएट करने वाला छात्र स्नातक स्तर पर कला संकाय एवं वाणिज्य संकाय के अंतर्गत प्रवेश के लिए पात्र होगा ।
3.3 वाणिज्य वर्ग के विषयों से इंटरमीडिएट करने वाला छात्र स्नातक स्तर पर वाणिज्य संकाय अथवा कला संकाय के अंतर्गत प्रवेश के लिए पात्र होगा ।
3.4 कृषि वर्ग के विषयों से इंटरमीडिएट करने वाला छात्र स्नातक स्तर पर कृषि संकाय तथा कला संकाय के अंतर्गत प्रवेश के लिए पात्र होगा ।
3.5 व्यवसायिक वर्ग के विषयों से इंटरमीडिएट करने वाला छात्र स्नातक स्तर पर कला संकाय के अंतर्गत प्रवेश के लिए पात्र होगा ।
4. मुख्य (Major ) विषय तथा गौण चयनित (Minor Elective) पेपर
4.1 विद्यार्थी को प्रवेश के समय एक संकाय (कला, विज्ञान, वाणिज्य आदि) का चुनाव करना होगा तथा उसे उस संकाय में दो मुख्य (Major) विषयों का चुनाव करना होगा | यह संकाय विद्यार्थी का अपना संकाय (Own faculty) कहलायेगा जिसका अध्ययन वह तीन वर्ष (प्रथम से छठे सेमेस्टर) तक कर सकता है |
4.2 तीसरे मुख्य वैकल्पिक (Major elective) विषय का चुनाव विद्यार्थी किसी भी संकाय (अपने संकाय सहित) से कर सकता है |
4.3 विद्यार्थी द्वितीय / तृतीय वर्ष में मुख्य विषय बदल सकता है अथवा उन के क्रम में परिवर्तन कर सकता है |
4.4 विद्यार्थी को विश्वविद्यालय / महाविद्यालयों में विषयों की उपलब्धता के आधार पर नियमानुसार विषय परिवर्तन की सुविधा होगी, परन्तु वह एक वर्ष के बाद ही विषय परिवर्तित कर सकता है, एक सेमेस्टर के बाद नहीं |
4.5 माइनर इलेक्टिव कोर्स किसी भी विषय में 4 क्रेडिट का होगा |
4.6 मेजर / माइनर इलेक्टिव विषय विद्यार्थी को किसी भी संकाय से लेना होगा और इसके लिए किसी भी पूर्व-शर्त (Prerequisite) की आवश्यकता नहीं होगी |
4.7 बहुविषयकता सुनिश्चित करने के लिए स्नातक स्तर पर माइनर इलेक्टिव विषय सभी विद्यार्थियों को किसी भी चौथे विषय (उसके द्वारा लिये गये तीन मुख्य विषयों के अतिरिक्त) लेना होगा |
4.8 तीसरे मुख्य (मेजर) इलेक्टिव विषय तथा माइनर इलेक्टिव विषय का चयन विद्यार्थी द्वारा इस प्रकार किया जायेगा कि इनमें से कम से कम एक अनिवार्यतः अपने संकाय के अतिरिक्त अन्य संकाय से हो |